➤ प्रकाश के विवर्तन के कारण ही दूरदर्शी में तारों के प्रतिबिम्ब तीक्ष्ण बिंदुओं की तरह न दिखाई देकर अस्पष्ट धब्बों की तरह दिखाई देते हैं।
➤ ध्वनि तरंगों की तरंग देर्ध्य प्रकाश के तरंग देर्ध्य की तुलना में बहुत अधिक होती है । इस कारण से ध्वनि तरंगों में विवर्तन की घटना आसानी से देखने को मिलती है ।
➤ प्रिज्म से गुजरने पर प्रकाश के रंगों में बैंगनी रंग का विचलन सबसे अधिक दर्शाएगा क्योंकि इस रंग का तरंगदैर्ध्य सबसे कम और प्रिज्म में इस रंग का अपवर्तनांक सबसे अधिक होता है |
➤ पक्राश का पक्री णर्न (Scattering of Light): माध्यम के कणों द्वारा पक्रा श का सभी दिशाओं में होने वाला प्रसारण प्रकाश का प्रकीर्णन कहलाता है ।
➤ सर्वाधिक प्रकीर्णन बैंगनी रंग के प्रकाश का एवं सबसे कम लाल रंग के प्रकाश का होता है ।
➤ वायुमंडल में विद्यमान धूल आदि के कणों के कारण हमें प्रकीर्णित प्रकाश का मिश्रित रंग हल्का नीला दिखाई पड़ता है । फलत: पृथ्वी से आकाश नीला दिखाई देता है जबकि ऐसे स्थान (जैसे चन्द्रमा) जहाँ वायुमंडल नहीं है वहां से आकाश काला दिखाई देता है ।
➤ लाल रंग का प्रकीर्णन कम होने के कारण सूर्योदय एवं सूर्यास्त के समय सूर्य लाल रंग का दिखाई पड़ता है जबकि मध्याह्न में जब दूरी कम होती है, तो प्रकाश का प्रकीर्णन कम होने के कारण सूर्य हमें श्वेत (सातों रंगों का मिला रूप) दिखाई पड़ता है ।
➤ सूर्योदय और सूर्यास्त के समय सूर्य का रंग लाल दिखाई देता है क्योंकि लाल को छोड़कर अन्य सभी रंग प्रकीर्णित हो जाते हैं ।
➤ पानी से पैदा होने वाले बुलबुले में जो चमक होती है, वह प्रकाश के संपूर्ण आंतरिक परावर्तन का परिणाम है ।
➤ जब प्रकाश की किरण सघन माध्यम से विरल माध्यम (पानी से हवा) में प्रवेश करती है, तो वह अभिलम्ब से दूर हट जाती हैं |
➤ क्रांतिक कोण (Critical Angle): जब प्रकाश की किरण सघन माध्यम से विरल माध्यम में जाती है, तो अपवर्तन के कारण अपवर्तित किरण अभिलम्ब से दूर हट जाती है, जिससे अपवर्तन कोण सदैव आपतन कोण से बड़ा होता है ।
➤ यदि आपतन कोण के एक विशेष मान पर अपवर्तन कोण का मान 90० होता है, तो इस विशेष मान के कोण को क्रान्तिक कोण कहते हैं ।
➤ हीरे के अंदर जब किसी पृष्ठ पर आपतन कोण 24० से कम होता है तभी वह प्रकाश हीरे से बाहर निकलता है तथा जब यह प्रकाश हमारी आंखों पर पड़ता है, तो हीरा हमें चमकदार दिखाई देता है ।
➤ समतल दर्पण से बना वस्तु का प्रतिबिम्ब दर्पण के पीछे उतनी ही दूरी पर बनता है जितनी दूरी पर वस्तु दर्पण के सामने रखी होती है । यह आकार में वस्तु के बराबर व आभासी होता है ।
➤ समतल दर्पण से व्यक्ति को अपना पूरा प्रतिबिम्ब देखने के लिए दर्पण की लंबाई कम- से-कम व्यक्ति की लंबाई से आधी होनी चाहिए ।
➤ यदि कोई व्यक्ति समतल दर्पण के लम्बवत् किसी चाल से दर्पण के समीप आता है या दूर जाता है, तो उसे अपना प्रतिबिम्ब दुगुनी चाल से पास या दूर जाता हुआ प्रतीत होता है |
➤ यदि किसी कोण पर झुके हुए दो समतल दर्पणों के बीच कोई वस्तु रख दें, तो हमें उस वस्तु के कई प्रतिबिम्ब दिखलाई पढ़ते हैं, प्रतिबिम्बों की संख्या दोनों दर्पणों के बीच बने कोण पर निर्भर करती है ।
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झुकी हुई मीनार
स्थान : पीसा
देश : इटली
क्रेमलिन
स्थान : मास्को
देश : रूस
पार्थनान
स्थान : एथेंस
देश : यूनान
इम्पिरियल पैलेस
स्थान : टोकियो
देश : जापान
ग्रेट वाल
स्थान : उत्तर चीन
देश : चीन
ओपेरा हाउस
स्थान : सिडनी
देश : ऑस्ट्रेलिया
ताजमहल
स्थान : आगरा
देश : भारत
पिरामिड
स्थान : गीजा
देश : मिस्र
एफिल टावर
स्थान : पेरिस
देश : फ्रांस
पवन चक्की
स्थान : किंडर डिज्क
देश : डेनमार्क
स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी
स्थान : न्यूयॉर्क
देश : USA❑ कलकत्ता बंदरगाह (डायमंड हार्बर) ➭
नदी बंदरगाह (हुगली नदी पर स्थित)- इससे दक्षिण पूर्वी एशिया, आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैण्ड के लिये आयात-निर्यात होता हैं।
❑ हल्दिया ➭ कलकत्ता बंदरगाह के दक्षिण में हुगली नदी पर कलकत्ता के भार को कमकरने हेतु बनाया गया। यहां तेलशोधन कारखाना भी हैं।
❑ पाराद्विप (प्रदीप बंदरगाह) ➭ उड़ीसा, इससे लौह-अयस्क व कोयला का निर्यात होगा।
❑ विशाखापट्टनम ➭ आंध्रप्रदेश, भारत का सबसे गहरा बंदरगाह। कच्चा तेल व पेट्रोलियमउत्पादन हेतु प्रसिद्ध।
❑ चैन्नई ➭ तमिलनाडु में, भारत का दूसरा सबसे बड़ा यातायात घनत्व वाला बंदरगाह और भारत का सबसे पुराना कृत्रिम बंदरगाह। उर्वरक खनिज, लौह, पैट्रोलियम उत्पादन व्यापार हेतु प्रसिद्ध।
❑ तूतीकोरिन (थीरूवियोचिदंबनाथ) ➭ तमिलनाडु के दक्षिण तट पर स्थित (पूर्वी तट पर)
❑ कोचीन ➭ केरल में स्थित प्राकृतिक बंदरगाह।
चाय, कॉफी व मसालों के निर्यात के लिये प्रसिद्ध।
❑ न्यू मंगलोर ➭ कर्नाटक में, लौह अयस्क का आयात-निर्यात,कुद्रमुख की खान से लोहा इसी बंदरगाह से निर्यात होता हैं।
❑ मर्मगोवा ➭ गोवा में स्थित
❑ न्हावाशोवा ➭ जवाहरलाल नेहरू (महाराष्ट्र में स्थित), शुष्क सामाग्री के व्यापार हेतु प्रसिद्ध।- नई तकनीकी हेतु प्रसिद्ध (मुम्बई का भार कम करने हेतु)
❑ मुम्बई (द्विप) ➭ पश्चिमी तट का सबसे बड़ा प्राकृतिक बंदरगाह।
सर्वाधिक आयात करने वाला बंदरगाह (भारत का 20% व्यापार यही से)।- पैट्रोल व शुष्क निर्मित सामग्री।
❑ कांडला ➭ ज्वारीय बंदरगाह, प्राकृतिक।
कच्चा तेल, पैट्रोल, खाद्य तेल, नमक, कपास
❑ पोर्ट ब्लेयर ➭ अंडमान निकोबार।
2010 में तेरहवें बंदरगाह के रूप में मान्यता
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